Saturday 6 August 2011

परी हू .












      हा मै परी हू .
      धुंडती हू अपने आप को ..
      आपकी आखो में.
      बच्चो के बाजार में ..
      रोज के अखबार में..
      चीडीयो की चहक में ..
      बाग की महक में ..
      हा , मै वही परी हू ..
      जो आप किसी जमाने में ..
      धुंडते थे ...
      बच्चो के सपनो में ..
      आने वाले काल की आगोश में..
@ram more/06082011

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